जो अपने पिता का सम्मान नहीं कर सकता वो प्रधानमंत्री जी का सम्मान क्या करेगा !!!
आज पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय राजीव गांधी जी की पुण्यतिथि है।
राजनीतिक जीवन के अधिकतम नेता व कार्यकर्ता श्रद्धांजलि अर्पित कर रहे हैं।
भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता श्री नरेंद्र मोदी जी से लेकर छोटे कार्यकर्ता भी सम्मानजनक शब्दों का उपयोग कर रहे हैं।
परंतु राहुल गांधी जी ने स्वयं जो ट्वीट किया है, उसमें एक भी शब्द आगे-पीछे सम्मानजनक नहीं जोड़ा गया।
यह तो हमारी सनातन संस्कृति नहीं है। राहुल गांधी जी किस संस्कृति से यह सीख रहे हैं और हमारी युवा पीढ़ी को सिखाना चाहते। चिंता का विषय है। माना कि वे उनके पिताजी थे, उनकी अपनी मर्जी उनके बारे में कैसा क्या लिखते हैं।
परंतु जो लोग सार्वजनिक जीवन में काम करते हैं। उनके प्रत्येक कार्य का असर समाज में व्यापक होता है। इसलिए सार्वजनिक जीवन के व्यक्तियों से अपेक्षा की जाती है कि वे ऐसा व्यवहार करें जिसका अनुकरण, अनुसरण अन्य लोग कर सकें।
महाभारत में लिखा भी है,
महाजनो येन गतः स पन्थाः
अर्थात महापुरुष जिस मार्ग पर चलें, उसी मार्ग का अनुसरण करना चाहिए अर्थात् वही मार्ग उचित है।
जिस पथ पर अच्छे लोग चलते हैं, बड़े लोग चलते हैं, महापुरुष चलते हैं उसी रास्ते पर अन्य लोग अनुसरण करते हैं। यह बात सार्वजनिक जीवन में काम करने वाले सभी लोगों को ध्यान रखनी चाहिए।
राहुल गांधी जी भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष रहे हैं। कांग्रेस देश को स्वतंत्रता दिलाने का दावा करते रही है। परंतु क्या वे अब भारतीय संस्कृति से भी मुक्ति दिलाने का दावा आने वाले समय में करने वाले हैं?? यदि ऐसा नहीं है तो राहुल गांधी जी को सनातन संस्कृति की मान्य परंपराओं का पालन करना चाहिए।
खैर यह उनका अपना मत है। हमारे मन में जो बात आई, हमने लिख दी। आपको पसंद आए तो लाइक करिए । ना आए तो कमेंट में लिखकर बताइए क्या सुधार किया जा सकता है।
हमारे पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय राजीव गांधी जी को सादर श्रद्धांजलि